महासमुंद. जिले में कौशल विकास के नाम पर रि-इंडिया (NGO) के शिक्षकों का स्कूलों में नियुक्ति का फर्जीवाड़ा सामने आया है. बकायदा स्कूलों म...
महासमुंद.
जिले में कौशल विकास के नाम पर रि-इंडिया (NGO) के शिक्षकों का स्कूलों
में नियुक्ति का फर्जीवाड़ा सामने आया है. बकायदा स्कूलों में शिक्षकों का
पदभार ग्रहण कराया गया. शिक्षा विभाग ने इसकी भनक शासन को भी नहीं लगने दी.
फर्जीवाड़ा का खुलासा तब हुआ, जब एक प्रधानपाठक ने एक शिक्षिका की पदभार
ग्रहण कराए जाने की जानकारी संयुक्त संचालक शिक्षा को दी. इस मामले में
संयुक्त संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब
तलब किया है. इस मामले को अकलतरा विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह ने विधानसभा
में भी उठाया, जिसमें विभाग ने 7 की बजाए 6 शिक्षकों की जानकारी विधानसभा
में दी. एक शिक्षिका की जानकारी छुपा दी गई.
रायपुर के रि – इंडिया
स्किल टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्रा. लि. 2024 में 9वीं से 12वीं के
विद्यार्थियों को कौशल विकास पाठ्यक्रम, खेलकूद एवं स्वास्थ्य आदि अनुमति
के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया था. तत्कालीन DEO मीता मुखर्जी ने
NGO से सांठगांठ कर नियमों की अनदेखी करते हुए यह भी देखना मुनासिब नहीं
समझा कि NGO का शिक्षा विभाग से पंजीकृत है या नहीं और न ही राज्य शासन से
इसकी स्वीकृति ली. इसी बीच DEO मीता मुखर्जी का ट्रांसफर हो गया और उनके
स्थान पर DEO मोहन राव सावंत ने 14 मार्च 2024 को ज्वाइनिंग की. DEO सावंत
ने बिना पंजीयन और विभागीय अनुमति देखे ही 3 जनवरी 2025 को रि – इंडिया NGO
के शिक्षकों को प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलों में विषयवार
शिक्षक आवश्यकता वाले शालाओं में नि: शुल्क शिक्षा प्रदान करने का ऑर्डर
जारी कर दिया.
रि – इंडिया ने 13 दिसंबर 2024 को तुसदा हायर
सेकेंडरी स्कूल के प्रधानपाठक के नाम योगेश्वरी बघेल को ज्वाइनिंग देने
पत्र भेजा. 21 दिसंबर 2024 को योगेश्वरी बघेल सीधे तुसदा हायर सेकेंडरी
स्कूल पहुंची और प्रधानपाठक महेन्द्र मरकाम ने DEO का आदेश मानकर बकायदा
शासकीय विभागों की तर्ज पर कार्यभार ग्रहण कराया. इस ज्वाइनिंग की
प्रतिलिपि प्रधानपाठक ने संचालक लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर, संभागीय
संकुल संचालक पेंशनबाड़ा, कलेक्टर महासमुंद, जिला
DEO ने 15 जनवरी
2025 को सभी प्राचार्य और प्रधानपाठकों को विभागीय पत्र भेजकर रि – इंडिया
के निःशुल्क शिक्षकों से केवल अध्यापन का काम लेने का ऑर्डर दिया. उन्होंने
यह भी कहा कि ऐसे शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण, अटेंडेंस रजिस्टर में उनका
नाम न लिखा जाए और ना ही कोई अनुभव प्रमाण पत्र दिया जाए. इसके ठीक 2 दिन
पहले यानि 14 जनवरी 2025 को संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर ने
DEO मोहन राव सावंत को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें तुसाद के
प्राचार्य के साथ उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया.
संयुक्त
संचालक ने DEO से कहा कि रि – इंडिया को अनुमति देने से पहले क्या शासन से
या संचालनालय से अनुमति ली गई थी. संयुक्त संचालक ने नोटिस में यह भी कहा
कि उल्लेखित अनुमति यदि आपके (DEO) द्वारा नहीं दी गई है तो आपके जिले के
शासकीय विद्यालयों के प्राचार्य उक्त संस्था द्वारा जारी नियुक्ति पत्र के
आधार पर अभ्यर्थियों को कैसे कार्यभार ग्रहण करा रहे हैं. इस फर्जीवाड़ा का
खुलासा होते ही DEO ने 17 जनवरी 2025 को सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों
को पत्र भेजकर रि- इंडिया के लिए दिए गए अनुमति को निरस्त करने का आदेश
दिया.
अकलतरा विधायक ने विधानसभा में उठाया मामला
इस
मामले को लेकर अकलतरा विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह ने विधानसभा में NGO
द्वारा कौशल विकास के नाम पर बिना राज्य शासन की अनुमति के शिक्षकों की
नियुक्ति का सवाल उठाया. इस पर DEO की ओर से छत्तीसगढ़ विधानसभा को दी गई
जानकारी में रि- इंडिया को छोड़ 7 NGO पंजीकृत होना बताया गया. इसके अलावा
कौशल विकास के नाम पर 6 शिक्षकों की नियुक्ति को 17 जनवरी 2025 को निरस्त
कर करने की जानकारी दी, लेकिन DEO ने 6 शिक्षकों की जानकारी विधानसभा को
देकर सभी को गुमराह किया, जबकि जिले में 7 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी.
इनमें महिला शिक्षिका योगेश्वरी बघेल की जानकारी छिपाई गई, जिसे कार्यभार
ग्रहण कराया गया था.
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