Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

धनिकोर्ता गांव में रहस्यमयी बीमारी के कारण 8 लोगों की मौत

  सुकमा। सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लाक के धनिकोर्ता गांव में पिछले एक माह में 8 मौतें हो गई। जिसके बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया है। तीन...

यह भी पढ़ें :-

 

सुकमा। सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लाक के धनिकोर्ता गांव में पिछले एक माह में 8 मौतें हो गई। जिसके बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया है। तीन दिनों से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर लगाया है। गांव में अब भी लोग बीमार हैं। यहां हाथ पैर दर्द व सीने में दर्द की शिकायत है। यहां 80 लोगों की जांच की गई है, जिसमें बीपी, शुगर और मलेरिया की जांच की गई है। इन मौतों का कारण सीने में दर्द और खांसी की शिकायत बताया जा रहा है। इसके बाद ग्रामीणों की हालत तेजी से बिगड़ रही है और उनकी जान जा रही है। गांव में लगभग हर घर से मौत की खबर आ रही है, जिससे वहां भय और अनिश्चितता का माहौल बन गया है। ग्रामीणों के बताया कि मृतकों में ज्यादातर वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने शुरुआत में सीने में दर्द और खांसी की शिकायत की थी। इसके बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और कुछ ही समय में उनकी मौत हो गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंच चुकी है और जांच शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य अमले ने ग्रामीणों के स्वास्थ्य की निगरानी शुरू की है और संभावित कारणों का पता लगाने के लिए नमूने एकत्र किए हैं। हालांकि, अभी तक मौतों के सटीक कारण का खुलासा नहीं हो सका है। सुकमा जिले में इस तरह की रहस्यमयी मौतों का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जिले के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वर्ष 2020-22 के दौरान कोंटा ब्लाक के रेगड़गट्टा गांव में 61 ग्रामीणों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। वहीं, वर्ष 2024 में छिंदगढ़ ब्लाक के चितलनार गांव में उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद 15 दिनों के भीतर सात लोगों की जान चली गई थी। इसके साथ ही इतकल व अन्य गांवों में वर्ष 2020-24 के बीच 44 मौतें हुई थी। इन घटनाओं ने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं और बीमारियों की रोकथाम को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव की अध्यक्षता में समय-सीमा की बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विभागों की लंबित योजनाओं और प्रकरणों की समीक्षा की गई। ध्रुव ने पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जिले के दूरस्थ अंदरूनी क्षेत्रों, स्वास्थ्य केंद्रों, आश्रम-शालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में समुचित पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, बिगड़े हुए हैंडपंपों को तत्काल सुधारने और पेयजल आपूर्ति में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गंभीर कुपोषित बच्चों को अनिवार्य रूप से पोषण एवं पुनर्वास केंद्र लेकर जाएं जिससे ग़रीब बच्चों को शासन की योजना का लाभ मिल सके।

[Collection]

No comments