बलरामपुर। जिले के चिलमा ग्राम के समीप हाथी के हमले से पहाड़ी कोरवा की मौत हो गई। मौका पाकर पहाड़ी कोरवा की पत्नी किसी तरह भाग निकलने में सफल...
बलरामपुर। जिले के चिलमा ग्राम के समीप हाथी के हमले से पहाड़ी कोरवा की मौत हो गई। मौका पाकर पहाड़ी कोरवा की पत्नी किसी तरह भाग निकलने में सफल हुई। ग्रामीणों और वन कर्मचारियों की समझाइश के बाद भी दंपती उस ओर बढ़ गए थे जिधर हाथियों का मूवमेंट हो रहा था। घटना के समय मृतक के शराब के नशे में होने की बात सामने आई है।
रविवार भोर में मृतक का शव बरामद हुआ।मृतक के स्वजन को 25 हजार रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई है। बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत पस्ता थाना क्षेत्र में शनिवार की रात आठ हाथियों का विचरण हो रहा था। इस बात की जानकारी आसपास के गांवों के लोगों को भी थी।
चिलमा बस्ती से पहले सासु नदी पर निर्माणाधीन पुल के पास वन अधिकारी-कर्मचारियों के साथ बड़ी संख्या में गांववाले भी एकत्रित थे। इस भीड़ में ग्राम गहनाडांड़ निवासी पहाड़ी कोरवा चमरा (60) व उसकी पत्नी घुरनी (55) भी थे। शनिवार को पस्ता में साप्ताहिक बाजार था। दंपती भी बाजार से लौटे थे।
इन्होंने संभवतः शराब का भी सेवन किया था। दंपती उस ओर बढ़ने लगे जिधर हाथियों का मूवमेंट हो रहा था। लोगों ने उन्हें रोकने का भी प्रयास किया लेकिन दोनों नहीं माने और मौका मिलते ही आगे बढ़ गए। इसी बीच चिलमा नर्सरी के पास हाथियों ने उसे कुचलकर मार डाला। बताया जा रहा है कि दल में शामिल एक हाथी ने उसे सूड़ से उठाकर पटक दिया। इस दौरान उसकी पत्नी घुरनी बदहवास होकर वहां से भाग निकली। गिरने के कारण उसे हल्की चोट भी आई थी।
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