रायपुर। संत कालीचरण के द्वारा महात्मा गांधी पर दिए गए विवादित बयान के बाद श्री नीलकंठ सेवा संस्थान के प्रमुख एवं धर्म संसद 2021 छग के आयोज...
रायपुर। संत कालीचरण के द्वारा महात्मा गांधी पर दिए गए विवादित बयान के बाद श्री नीलकंठ सेवा संस्थान के प्रमुख एवं धर्म संसद 2021 छग के आयोजक नीलकंठ त्रिपाठी आज मीडिया के सामने आए और स्पष्ट किया वे भी इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं,पुलिस थाने में अपना बयान और शिकायत भी वे दर्ज करा चुके हैं। आयोजन समिति कहीं से भी दोषी इसलिए नहीं है क्योकि पहले ही संतों को बताया दिया था कि उन्हें किस विषय पर बोलना है।
टिकरापारा थाने में अपना बयान दर्ज कराने के बाद प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए आयोजक नीलकंठ त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमारे देश के महापुरुष एवं पूज्नीय है, उनके खिलाफ धर्म संसद के मंच से कालीचरण के द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करना अशोभनीय है इसकी हम कड़ी निंदा करते है। आयोजन समिति ने पूर्व में ही संतों को अवगत करा दिया था कि धर्म संसद के मंच से केवल सनातन धर्म के विषयों पर चर्चाएं हो किसी भी प्रकार की राजनीतिक विषयों पर नहीं। किसी धर्म के बारे में भी आपत्तिजनक टिप्पणी मंच से नहीं की जाएगी, केवल सनातन धर्म क्या है, सनातन धर्म का विस्तार कैसे किया जाए एवं समस्त सनातनीयों में एकजुटता कैसे लाया जाए इस विषय में धर्म संसद के मंच से चर्चा होगी।
उसके उपरांत भी कालीचरण के द्वारा देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में अशोभनीय बातें मंच से करना गलत था, जिसके कारण आयोजक समिति भी कालीचरण की कड़ी निंदा करती है। त्रिपाठी ने बताया कि जब कालीचरण महात्मा गांधी पर अशोभनीय बातें कर रहे थे तब वे मंच से नीचे उन्हें रोकने का प्रयास किया तब उन्होंने कहा कि आप चुप रहिए हमें अपनी बातें रखने दीजिए आपको मेरी बात समझ आ रही है या नहीं, आप चुप बैठे। इस दौरान महंत रामसुंदरदास, प्रमोद दुबे, नंदकुमार साय,सच्चिदानंद उपासने के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के सदस्य भी उपस्थित थे।
त्रिपाठी ने कहा कि संत समाज पर निर्भर है कि वे कालीचरण के इस बयान पर कार्रवाई करेंगे या नहीं लेकिन आयोजक होने के नाते वे चाहते हैं कि कालीचरण पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। आयोजक पर भी कार्रवाई होनी चाहिए संबंध में आ रहे बयान पर त्रिपाठी ने कहा कि आयोजकों पर क्यों कार्रवाई हो उन्होंने आयोजन करने से पहले ही संत समाज के संतों को इस बारे में बता दिया था कि उन्हें किस विषय में बात करनी है।
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