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मोदी सरकार हम दो हमारे दो कि सरकार बाकी 135 करोड़ जनता की उनको नहीं है चिंता - मोहन मरकाम

  मोदी भाजपा के 7 साल में चंद पूंजीपति मित्रों की धन संपदा में बेतहाशा वृद्धि, मध्यमवर्गी एवं गरीबों की आय घटी, भुखमरी इंडेक्स में भी चिंताज...

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मोदी भाजपा के 7 साल में चंद पूंजीपति मित्रों की धन संपदा में बेतहाशा वृद्धि, मध्यमवर्गी एवं गरीबों की आय घटी, भुखमरी इंडेक्स में भी चिंताजनक

रायपुर/09 दिसंबर 2021। दुनिया में असमानता को लेकर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत को एक गरीब और असमानता वाला देश की श्रेणी में रखे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार हम दो और हमारे दो की सरकार चल रही है जिसे देश के 135 करोड़ जनता की चिंता नहीं है। मोदी भाजपा के 7 साल के कार्यकाल में देश में गरीब और आमजन का जीना दूभर हुआ है। मध्यमवर्गीय परिवारों की आय घटी है और चंद पूंजीपतियों के हाथ में देश के 57 प्रतिशत से ज्यादा संपत्ति आ गई है। मोदी सरकार के हठधर्मिता, मनमानी और गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार के प्रति दोयम दर्जे की नीति के चलते देश में 23 करोड़ लोग जो मध्यमवर्गीय की श्रेणी में आते थे वह अब गरीबी रेखा के नीचे आ गए हैं। दो करोड रोजगार प्रतिवर्ष देने का जुमला परोस कर 27 करोड़ हाथों से रोजगार छीना गया है। दुनिया में हुए असमानता के सर्वे में भारत को गरीब एवं समानता वाला देश की श्रेणी में पाये जाना मोदी सरकार के गरीब विरोधी, मध्यमवर्गी विरोधी एवं पूंजीपति समर्थक होने का जीता जागता प्रमाण है। मोदी भाजपा के शासनकाल में आम लोगों के हाथ से रोजगार छीने गए हैं। कोरोना संकटकाल में आम लोगों को किसी भी प्रकार की मदद नहीं की गई है। 20 लाख करोड़ के जुमला पैकेज में किसी को कुछ भी नहीं मिला। किसान, मजदूर, रेहडी-ठेला वाला, कामकाजी महिलाओं को किसी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं की गई। उनके बंद हुए कामकाज को रोजी रोजगार तो शुरू करने कोई मदद नहीं की गई।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार में देश की कुल कमाई का 57 प्रतिशत हिस्सा ऊपर के 10 प्रतिशत पूँजीपत्तियो के हाथों में हैं और देश की कुल कमाई में 50 प्रतिशत हिस्सा में देश के नीचे की आधी आबादी का मात्र 13 प्रतिशत हिस्सा ही है एवं मध्यम वर्गीय का हिस्सा 30 प्रतिशत के करीब है। मोदी भाजपा की सरकार 7 साल से अपने चंद पूंजीपति मित्रों को एशिया के बड़े पूंजीपति बनाने के लिए काम कर रही है। अदानी अंबानी जैसे पूंजी पतियों को सरकारी खजाना से अकूत मदद की जा रही है। सरकारी संपत्तियों, पेट्रोलियम कंपनियों, नवरत्न कंपनियों, बंदरगाह, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, विमानन कंपनी को कोड़ी के मोल सौप रही है और गरीब आदमी के जीवन स्तर को सुधारने के लिए किसी प्रकार का प्रयास नहीं कर रही है। विगत 7 वर्षों में भुखमरी इंडेक्स में भारत आसपास के लगभग पड़ोसी देश नेपा,ल बांग्लादेश और श्रीलंका से भी नीचे पहुंचा दिया गया है। धर्म और फर्जी राष्ट्रवाद के बहाने दर्शन भाजपा अपने असल एजेंट पूंजीवाद को स्थापित करने की दिशा में दिन रात जुटी हुई। यही कारण है कि मोदी राज में अमीर और गरीब के बीच खाई लगातार बढ़ती जा रही हैं। गरीबों से खींचो और अमीरों को सीखें यही मोदी सरकार की मूल नीति है।

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