00 जीएसटी लागू हो जाने के बाद इनका कोई औचित्य नहीं रायपुर। केन्द्र व राज्य सरकार,राज्य की सीमा पर चल रहे 16 परिवहन चौकियों को लेकर आमने-सा...
00 जीएसटी लागू हो जाने के बाद इनका कोई औचित्य नहीं
रायपुर। केन्द्र व राज्य सरकार,राज्य की सीमा पर चल रहे 16 परिवहन चौकियों को लेकर आमने-सामने हो गए हैं। परिवहन विभाग के इन बैरियर से कागजात आदि दिखाने के बाद ही राज्य की सीमाओं में वाहनों को आगे बढऩे की अनुमति मिलती है। राज्य सरकार को सालाना इससे करोड़ों की कमाई हो रही थी। केंद्रीय सड़क-परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में परिवहन विभाग से कहा है कि वह अंतरराज्यीय सीमाओं पर बनी अपनी जांच चौकियों को हटा लें। उनका कहना था, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद इन चौकियों की कोई जरूरत नहीं रह गई है।
पिछले सप्ताह केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अवर सचिव शशिभूषण ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, पुडुचेरी, गोवा, राजस्थान और उत्तराखंड के प्रमुख सचिवों को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है, जीएसटी लागू होने के बाद अंतरराज्यीय सीमाओं पर स्थायी जांच चौकी की जरूरत खत्म हो गई है। वाहनों का पूरा ब्यौरा अब ऑनलाइन उपलब्ध है। अधिसंख्य राज्यों ने अपनी सीमाओं से यह बैरियर हटा भी लिया है। उन्होंने राज्यों से कहा है, जितनी जल्दी हो सके इन बैरियर को हटाकर मंत्रालय को बताया जाए। छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड से लगती सीमाओं पर 16 परिवहन बैरियर संचालित हैं। इनमें पाटेकोहरा, छोटा मानपुर, मानपुर, चिल्फी, खम्हारपाली, बागबाहरा, केंवची, धनवार, रामानुगंज, घुटरीटोला, चांटी, रेंगारपाली, शंख, लावाकेरा, कोन्टा और धनपूंजी शामिल है।
यहां बताना जरूरी होगा कि जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर भाजपा की तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार ने 4 जुलाई 2017 की आधी रात से सभी अंतरराज्यीय सीमा चौकियों को बंद कर दिया था। इन चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को आरटीओ से संबद्ध कर दिया गया। दिसंबर 2018 में छत्तीसगढ़ की सरकार बदल गई। 2020 में यह बात आई कि सीमा जांच चौकियों को फिर शुरू कर राजस्व जुटाया जा सकता है। इसके बाद 4 जुलाई 2020 की आधी रात से ये बैरियर फिर से शुरू कर दिए गए।
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