रायपुर । केंद्र सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया है। नाम परिवर्तन पर विवाद जारी है। आज...
रायपुर । केंद्र सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया है। नाम परिवर्तन पर विवाद जारी है। आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पुरस्कार से राजीव गांधी का नाम हटाना क्षुुद्र मानसिकता है। केंद्र सरकार को मेजर ध्यानचंद के नाम पर कुछ बड़ी घोषणा करनी चाहिए थी।
हरेली त्योहार के अवसर पर सीएम हाउस में प्रेस से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाम परिवर्तन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, मेजर ध्यानचंद नेशनल आइकॉन हैं। बहुत बड़े खिलाड़ी थे। उनके खेल ने खिलाड़ियों को हमेशा प्रेरित किया है। केंद्र सरकार को उनके नाम पर कोई बड़ी घोषणा करनी थी। पुरस्कार से राजीव गांधी का नाम हटाना क्षुद्र मानसिकता है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहले ही इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। सिंहदेव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, हिंदू को मुसलमान से लड़ा रहे हैं, गरीब को अमीर से लड़ा रहे हैं। दलित को सवर्णों से लड़ा रहे हैं, नेहरु को पटेल से लड़ा रहे हैं और अब राजीव जी को ध्यानचंद से लड़ा रहे हैं।
6 अगस्त को नाम बदलने की घोषणा हुई थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने की घोषणा की थी। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, देश भर से ऐसी मांग आ रही थी कि खेल रत्न अवार्ड का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया जाए। देशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए अब से खेल रत्न अवार्ड का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड होगा।
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