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राष्ट्र की शक्ति का आधार होते हैं युवा

  अंतर्राष्ट्रीय युवा  दिवस पर मनोविज्ञान विभाग ने किया वेब-संगोष्ठी का आयोजन रायपुर। युवा राष्ट्र की शक्ति होते हैं और देश की प्रगति उन्हीं...

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अंतर्राष्ट्रीय युवा  दिवस पर मनोविज्ञान विभाग ने किया वेब-संगोष्ठी का आयोजन

रायपुर। युवा राष्ट्र की शक्ति होते हैं और देश की प्रगति उन्हीं के काधों पर निर्भर करती है। किसी भी देश  का युवा उस देश के विकास का सशक्त आधार होता है। आज जरूरत है युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करने की।

  यह बातें मैट्स यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर गुरुवार को आयोजित वेब संगोष्ठी में विषय विशेषज्ञों ने कहीं। मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में टीईडीएक्स स्पीकर पुणे से श्री देवेंद्र जानी ने युवाओं को टाइम मैनेंजमेंट के संबंध में अपने अनुभव साझा करते हुए इसे प्रगति का आधार बताया। उन्होंने कहा कि समय का उचित प्रबंधन करने से ही युवा अपने कैरियर का बेहतर निर्माण कर सकते हैं। श्री जानी ने कम्प्यूनिकेशन ऑर्गनाइजेशन और कीप लर्निंग पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने मानव मूल्यों को महत्व देते हुए युवाओं की नेतृत्व क्षमता के विकास पर भी   जोर दिया।

वेब-संगोष्ठी की वक्ता मनोविज्ञानी एवं सेक्सुअल एजुकेटर तथा काउंसलर सुश्री शिवली श्रीवास्तव ने नैतिकता और ईमानदारी पर जोर देते हुए युवाओं को इन गुणों को अपनाने के प्रति प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को आज हर विषय के प्रति जागरुक होना आवश्यक है। वेब संगोष्ठी के वक्ता के रुप में माय एफएम 98.3 के रेडियो जाकी आरजे क्षितिज कुमार भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि युवाओं को आगे बढ़ने के लिए हमेशा नया करना चाहिए। युवाओं को अपनी रूचि के विषय और योग्यता के आधार  पर ही अपने कैरियर का निर्माण करना चाहिए, निश्चित ही उन्हें सफलता मिलेगी। युवा इस देश की नींव हैं और उन्हें हमेशा प्रसन्न रहना चाहिए। मोटिवेशनल स्पीकर श्री गौरव सिंह ने भी अपने अऩुभव साझा करते हुए युवाओं को सर्वांगीण विकास के प्रति प्रेरित किया।

इसके पूर्व मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. के.पी. यादव ने कहा कि युवा किसी भी देश के विकास का सशक्त आधार होते हैं युवा शक्ति से ही राष्ट्र मजबूत होता है और युवा शक्ति का उपयोग राष्ट्र निर्माण में होना चाहिए। राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भूमिका, युवाओं का लक्ष्य और उनकी सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक स्थित जैसे विषयों पर निरंतर चर्चा-परिचर्चा का आयोजन होना चाहिए जिससे युवाओं को जागरुक किया जा सके। इस अवसर पर मैट्स यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शाइस्ता अंसारी, सहायक प्राध्यापक डॉ. अंशु श्रीवास्तव, श्रीमती यंजना साहू, श्री धनेंद्र सिंह पटेल सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण एवं अनेक संख्या में विद्यार्थीगण आनलाइऩ उपस्थित थे। वेब संगोष्ठी के समापन के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. शाइस्ता अंसारी ने आभार व्यक्त किया।


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