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जिस सशक्त त्रि-स्तरीय पंचायती राज की कल्पना राजीव गांधी ने साकार की थी, कांग्रेस की प्रदेश सरकार अपने ही पुरखों के सपनों को पलीता लगा रही : भाजपा

  * 0 भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सिंहदेव ने निर्माण कार्यों और उसके लिए सामग्री ख़रीदी करने के पंचायतों के अधिकार छीने जाने पर प्रदेश सरकार की नीय...

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*0 भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सिंहदेव ने निर्माण कार्यों और उसके लिए सामग्री ख़रीदी करने के पंचायतों के अधिकार छीने जाने पर प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा किया*


*0 पहले पंचायतों से रेत खनन व परिवहन का अधिकार छीना तो रेत माफ़ियाओं ने राजनीतिक संरक्षण में तांडव मचा रखा है और अब भ्रष्टाचार का केंद्रीकरण होगा*


*रायपुर।* भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने निर्माण कार्यों और उसके लिए सामग्री ख़रीदी करने के पंचायतों के अधिकार छीने जाने पर प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा किया है। श्री सिंहदेव ने कहा कि निर्माण सामग्रियों की ख़रीदी के लिए विभागीय इम्पैनल एजेंसियों पर निर्भर करके प्रदेश सरकार ने अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी हुई  संस्थाओं को कमज़ोर करने का काम किया है।

छत्तीसगढ़ में पंचायती राज को भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार ने सशक्त बनाया था कांग्रेस की भुपेश सरकार ने पंचायतों को अधिकार हीन शक्ति हीन बना कर भ्रस्टाचारियो के हवाले कर दिया  प्रदेश सरकार ने पंचायतों से रेत खनन व परिवहन की अनुमति के अधिकार को छीन लिया था, जिसके चलते रेत माफ़ियाओं ने प्रदेश सरकार के राजनीतिक संरक्षण में प्रदेशभर में तांडव मचा रखा है और अब इस फ़ैसले के चलते भ्रष्टाचार का केंद्रीकरण करने का काम होगा।


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री सिंहदेव ने कहा कि कांग्रेस के केंद्रीय और प्रादेशिक नेतृत्व के लिए इससे अधिक शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकती है कि जिस सशक्त त्रि-स्तरीय पंचायती राज की कल्पना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने साकार की थी, उसी कांग्रेस की प्रदेश सरकार अपने भ्रष्ट राजनीतिक चरित्र के पोषण के लिए अपने ही पुरखों के सपनों को पलीता लगा रही है। श्री सिंहदेव ने कहा कि पंचायतों को विकास के काम से इस तरह रोककर प्रदेश सरकार न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया की इस महत्वपूर्ण इकाई का, अपितु उन पंचायतों में निहित जनादेश का भी अपमान कर रही है। श्री सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पंचायतों पर जिस तरह पाबंदियों की जंजीरें डाली हैं, उससे अब पंचायतों को हर छोटे-छोटे विकास कार्यों के लिए उन नौकरशाहों का मोहताज़ होना पड़ेगा, जिनके सामंती आचरण से प्रदेश गाहे-बगाहे संत्रस्त होता रहा है। प्रदेश सरकार के इस फ़ैसले को प्रदेशभर की पंचायतों ने ग़लत ठहराते हुए कहा है कि अब पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों को काम करने के लिए पंचायत की मद से पैसे नहीं मिलेंगे।


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री सिंहदेव ने सवाल किया कि यह फैसला लेकर भी क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश सरकार में वन मैन शो चलाने की कोशिश की है, क्योंकि पंचायत विभाग के संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने इस फैसले को उचित नहीं माना है और कहा है कि वे (संसदीय सचिव चंद्राकर) त्रि-स्तरीय पंचायतों को उनके कार्यक्षेत्र के मुताबिक़ जो अधिकार दिए गए हैं, उसका पालन होना चाहिए। श्री सिंहदेव ने कहा कि अपने अमूमन सभी अहम फ़ैसलों को लेकर अंतर्विरोधों से जूझने के बावज़ूद प्रदेश सरकार अपने तुग़लक़ी फैसलों से बाज नहीं आ रही है। प्रदेश सरकार के इस फ़ैसले से पंचायतों को अपने कार्य के संपादन में अनावश्यक दख़लंदाज़ी झेलनी पड़ेगी और निगरानी के नाम पर अफ़सरशाही पंचायतों को नष्ट-भ्रष्ट कर देगी। इस फ़ैसले की आड़ में अफ़सरों ने अपने फ़ायदे के लिए बीच का रास्ता निकाला है।

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