नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने ओडिशा में जगन्नाथ पुरी के अलावा विभिन्न स्थानों पर ‘रथ यात्रा' निकालने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं क...
नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने ओडिशा में जगन्नाथ पुरी के अलावा विभिन्न स्थानों पर ‘रथ यात्रा' निकालने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पारित निर्देशों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। पीठ ने कहा, ‘‘ हम माफी चाहते हैं। हमें भी बुरा लग रहा है।'' आशा करते हैं कि भगवान अगले साल रथयात्रा की इजाजत देंगे। मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि आप भगवान की प्रार्थना को घर से कर सकते हैं। स्थितियां ऐसी नहीं है कि आप ओडिशा जाकर ही प्रार्थना करें।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भगवान अगले साल सभी लोगों को रथ यात्रा में शामिल होने की अनुमति देंगे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें भी बुरा लग रहा है लेकिन वह मदद नहीं कर सकते। वह भी भगवान के दर्शन करना चाहते हैं मगर स्थिति अभी ऐसी नहीं है। यह यात्रा इस बार 12 जुलाई से शुरू होगी। ओडिशा के पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा एक वार्षिक अनुष्ठान है जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग पुरी पहुंचते हैं। यह यात्रा इस बार 12 जुलाई से शुरू होगी। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने केवल पुरी में ही रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी है।
ओडिशा में रहेगा कर्फ्यू, छत से भी यात्रा देखने पर मनाही
इस साल वार्षिक रथयात्रा उत्सव श्रद्धालुओं की भीड़ के बगैर ही होगा और उन्हें रथ के मार्ग में छतों से भी रस्म देखने की अनुमति नहीं होगी। पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि प्रशासन ने अपने फैसले की समीक्षा की है और रथयात्रा का दृश्य घरों एवं होटलों की छतों से देखने पर भी पाबंदी लगा दी गयी है।
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इस साल वार्षिक रथयात्रा उत्सव श्रद्धालुओं की भीड़ के बगैर ही होगा और उन्हें रथ के मार्ग में छतों से भी रस्म देखने की अनुमति नहीं होगी। पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि प्रशासन ने अपने फैसले की समीक्षा की है और रथयात्रा का दृश्य घरों एवं होटलों की छतों से देखने पर भी पाबंदी लगा दी गयी है।
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