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चौथी औद्योगिक क्रांति को ध्यान में रखते हुए युवाओं को तैयार करने की जरूरत’, तकनीकी संस्थानों से बोले pm मोदी

  नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को बदलते माहौल और उभरती चुनौतियों के साथ तालमेल बन...

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को बदलते माहौल और उभरती चुनौतियों के साथ तालमेल बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश और समाज के भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तकनीकी संस्थानों को खुद को बदलने, विकल्प तैयार करने और इनोवेटिव मॉडल तैयार करने की जरूरत है. पीएम मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा फंडेड प्रौद्योगिकी संस्थानों के निदेशकों से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बातचीत में 100 से ज्यादा संस्थानों के प्रमुख शामिल थे.

पीएम मोदी ने कोविड-19 के कारण पैदा हुई चुनौतियों के समाधान में अनुसंधान और विकास कार्यों के लिए इन संस्थानों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि हमारे प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास संस्थान आने वाले दशक में बड़ी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने त्वरित तकनीकी समाधान देने के लिए युवा इनोवेटर्स की भी तारीफ की. इस बातचीत में नए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर और IISc बैंगलोर के निदेशक भी शामिल थे.

पीएम ने छात्रों की जरूरतों के हिसाब से लचीले, अबाध और जरूरत के हिसाब से सीखने का मौका प्रदान करने वाली शिक्षा मॉडल को अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “पहुंच, वहन करने योग्य, समान और गुणवत्ता ऐसे शिक्षा मॉडल का मूल तत्व होना चाहिए. उच्च शिक्षा और तकनीकी संस्थानों को “चौथी औद्योगिक क्रांति” को ध्यान में रखते हुए युवाओं को तैयार करने की जरूरत है.”

पिछले कुछ सालों में उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात (GER) में हुए सुधार की पीएम मोदी ने तारीफ की और कहा कि GER को बढ़ाने में उच्च शिक्षा का डिजिटलीकरण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. प्रधानमंत्री ने ऐसे संस्थानों द्वारा डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन बैचलर्स और मास्टर डिग्री प्रोग्राम जैसे पहलों की प्रशंसा की.

उन्होंने आगे कहा, “हमें भारतीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा के इकोसिस्टम को मजबूत बनाने और ग्लोबल जर्नल्स को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने की जरूरत है. देश के प्रौद्योगिकी और अनुसंधान संस्थान आने वाले दशक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिसे ‘भारत का प्रौद्योगिकी दशक’ भी कहा जा रहा है.”

पीएम मोदी ने कहा कि हमें शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था, कृषि, रक्षा और साइबर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भविष्य में समाधान विकसित करने पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें वहन करने योग्य, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस शिक्षा पर फोकस करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कोविड के दौरान पैदा हुई चुनौतियों में तकनीकी संस्थानों के इनोवेशन जैसे टेस्टिंग की नई तकनीक, वैक्सीन डेवलप करने के प्रयासों, स्वदेशी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, मॉड्यूलर हॉस्पिटल, ऑक्सीजन जेनरेटर बनाने की तारीफ की.


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