बिलासपुर/रायपुर। डायरी में लिखे मजनून के बाद बर्खास्त किए गए एसीबी के पूर्व प्रमुख जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद फ...
बिलासपुर/रायपुर। डायरी में लिखे मजनून के बाद बर्खास्त किए गए एसीबी के पूर्व प्रमुख जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद फरार हुए इस अफसर ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अपने वकील के माध्यम से 90 पृष्ठ का हलफनामा दाखिल करते हुए इस पूरे मामले को पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए अंतरिम राहत दिए जाने की मांग की है। फिलहाल उनकी याचिका ले ली गई है, इस पर कौन से जस्टिस सुनवाई करेंगे यह अभी तय नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि एसीबी के पूर्व प्रमुख रहे जीपी सिंह के यहां 13 ठिकानों पर दबिश दी गई और जांच में आय से अधिक संपत्ति के अलावा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेद हाथ लगे हैं। ऐसे ही एक दस्तावेजों में पुलिस के हाथों डायरी आई जिसमें लिखे आधार पर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला कोतवाली थाने में पंजीबद्ध हुआ है। इसी को लेकर जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी के भय से फरार हो गये जिनकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि एसीबी के पूर्व प्रमुख रहे जीपी सिंह के यहां 13 ठिकानों पर दबिश दी गई और जांच में आय से अधिक संपत्ति के अलावा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेद हाथ लगे हैं। ऐसे ही एक दस्तावेजों में पुलिस के हाथों डायरी आई जिसमें लिखे आधार पर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला कोतवाली थाने में पंजीबद्ध हुआ है। इसी को लेकर जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी के भय से फरार हो गये जिनकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
शुक्र्रवार की सुबह जीपीसिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद उन्होंने अपने अधिवक्ता सव्यसाची भादुड़ी के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिसमें उन्होंने में त्वरित सुनवाई के साथ अंतरिम राहत की माँग की है। याचिका में शपथ पत्र के साथ साथ कई तथ्यों का जिक्र है। यह याचिका कऱीब 90 पृष्ठ की है। जीपी सिंह की ओर से दायर याचिका में उनके अधिवक्ता सव्यसाची भादुड़ी ने पूरी कार्यवाही को पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए आरोप लगाया है कि नान मामले में ऊंचे राजनैतिक स्तर पर कार्यवाही किए जाने का दबाव था।. खास ऊंचे राजनैतिक स्तर को निशाने में लेकर कार्यवाही की जाए। याचिका में बीते 30 जून को रायपुर की विशेष अदालत में दो अधिकारियों के विरुद्ध नान मामले में चार्ज फ्रेम किए जाने वाले अदालती कार्यवाही का भी जिक्र है।
याचिका में कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर याचिकाकर्ता के विरुद्ध मामला गढ़ दिया गया। याचिका में कहा गया है कि जाँचकर्ता अधिकारी और जाँच का सिस्टम पूर्वाग्रह से पूरी तरह प्रभावित है। इस पूरे मसले की बीआई जाँच करे और अंतरिम राहत देते हुए इस पूर्वाग्रह से पूरी तरह ग्रस्त कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
याचिका में कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर याचिकाकर्ता के विरुद्ध मामला गढ़ दिया गया। याचिका में कहा गया है कि जाँचकर्ता अधिकारी और जाँच का सिस्टम पूर्वाग्रह से पूरी तरह प्रभावित है। इस पूरे मसले की बीआई जाँच करे और अंतरिम राहत देते हुए इस पूर्वाग्रह से पूरी तरह ग्रस्त कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
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