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नवा रायपुर में अस्पताल बनाने की घोषणा प्रदेश सरकार की लोगों को भरमाने की एक और नई कवायद के अलावा कुछ नहीं : भाजपा

  *0 प्रदेश प्रवक्ता सिंहदेव ने कहा- बघेल प्रदेश को दिवास्वप्न दिखाकर पाखंड की राजनीति करने से बाज आएँ, इस पैंतरेबाजी के झाँसे में अब छत्तीस...

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*0 प्रदेश प्रवक्ता सिंहदेव ने कहा- बघेल प्रदेश को दिवास्वप्न दिखाकर पाखंड की राजनीति करने से बाज आएँ, इस पैंतरेबाजी के झाँसे में अब छत्तीसगढ़ की जनता नहीं आने वाली है*


*रायपुर।* भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा राजधानी के नवा रायपुर में 25 एकड़ क्षेत्र में 15सौ बिस्तरों के मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की घोषणा अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाकर उन्हें भरमाने की एक और नई कवायद के अलावा कुछ नहीं है। श्री सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल प्रदेश को लोगों को दिवास्वप्न दिखाकर पाखंड की राजनीति करने से बाज आएँ और धरातल पर ईमानदारी के साथ अपना काम करें।


भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी आर्थिक तंगी का रोना रोती केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से प्रदेश के लोगों को वंचित कर रही है। राज्यांश न देकर प्रदेश सरकार आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास जैसी महती योजनाओं के काम में अड़ंगा डाल रही है, केंद्र की राशि का दुरुपयोग कर रही है, हाल ही प्रदेश में तीन मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव का रद्द होना इसी प्रदेश सरकार की शर्मनाक लापरवाही का नमूना है। श्री सिंहदेव ने कहा कि कोरबा, काँकेर व महासमुंद में प्रस्तावित इन मेडिकल कॉलेज के केंद्र सरकार ने दो सौ करोड़ रुपए स्वीकृत करके 50 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए, लेकिन प्रदेश सरकार की प्रक्रियागत लापरवाही के चलते इन तीनों कॉलेज का प्रस्ताव रद्द हो गया। जो सरकार तीन कॉलेज पर काम तक शुरू नहीं कर सकी, वह पहले यह तो बताए कि करोड़ों रुपए की लागत के इस अस्पताल के लिए फ़ंड कहाँ से जुटाएगी? सरकार इस अस्पताल के संबंध में  समयबद्ध कार्य योजना भी जारी करे कि अस्पताल का स्वरूप क्या होगा? शिलान्यास कब होगा व कितने दिनों में कार्य संपादित होकर इसका लोकार्पण हो जाएगा? श्री सिंहदेव ने कहा कि जो सरकार अपने संसाधनों से प्रदेश को कोरोना की भयावह आपदा में ज़रूरी स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने में भी सियासी लफ़्फ़ाजियों के अलावा कुछ और नहीं किया, नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाओं के लिए प्रदेश के ज़रूरतमंदों को दर-दर की ठोकरें खाने विवश कर रखा हो, उस सरकार से प्रदेश कैसे कोई उम्मीद पाले? छल-कपट, झूठ-फ़रेब और वादाख़िलाफ़ी जिस सरकार की पहचान बन गई हो, अपनी नाकामियों से बेनक़ाब होते राजनीतिक चरित्र से लोगों का ध्यान भटकाने और भरमाने की प्रदेश सरकार की इस पैंतरेबाजी के झाँसे में अब छत्तीसगढ़ की जनता नहीं आने वाली है।

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