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क्राइम इन्वेस्टिगेशन में फोरेंसिक टीम और पुलिस को मिलकर काम करने की जरूरत

  00 अपराध को रोकने में पुलिस की भूमिका पर वेबिनार  रायपुर।  फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बिलासपुर के द्वारा अपराध को रोकने में पुलिस की भू...

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00 अपराध को रोकने में पुलिस की भूमिका पर वेबिनार 
रायपुर। 
फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बिलासपुर के द्वारा अपराध को रोकने में पुलिस की भूमिका विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य वक्ता आईपीएस विजय अग्रवाल ने कहा कि क्राइम इन्वेस्टिगेशन में फोरेंसिक टीम और पुलिस को मिलकर काम करने की जरूरत है जिससे आमजनता की मनोवैज्ञानिक सोच को अच्छी तरह से समझ जा सकता है। जिससे अपराध को रोकने में काफी हद तक मदद मिल सकती है घटना स्थल निरीक्षण में फोरेंसिक एक्सपर्ट का होना अत्यंत आवश्यक होता है क्योंकि वह घटना स्थल को वैज्ञानिक अन्वेषण के माध्यम से साक्ष्यों के आधार पर अपराधी से जोडऩे तक कि भूमिका निभाता है जिससे अपराध तंत्र मजबूत होता है।
अग्रवाल ने कहा कि सभी पुलिस अधिकारियों को हमेशा अपडेट रहने की जरूरत है नए तकनीकों के बारे में जानना अति आवश्यक है क्योंकि क्राइम प्रिवेंशन और डिटेक्शन दोनों एक ही सिक्के के पहलू है और ये दोनों ही क्राइम इन्वेस्टिगेशन में बहुत जरूरी है। फोरेंसिक जाँच की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एक पुलिस अधिकारी और फोरेंसिक एक्सपर्ट दोनों के काम करने का तरीका अलग अलग है एक फोरेंसिक एक्सपर्ट जब किसी घटना का निरीक्षण करता है तो वह शारीरिक लक्षणों, साक्ष्यों एवं परिस्थिति जन्य साक्ष्य के के आधार पर अपना तर्क रखता है जबकि पुलिस अपनी जांच में सबूतों एवं गवाहों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाते है। क्राइम को रोकने में पुलिस एवं उससे जुड़ी संस्थाओं का भी एक अहम रोल होता है क्योंकि पुलिस को एक जनरल जानकारी होती है वो उसी को सही मानते है लेकिन एक फोरेंसिक एक्सपर्ट को उस फील्ड में गहरा अनुभव होता है जिसके आधार पर वह तर्क रखता है इसमें भले ही पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट दोनों का तर्क एकसमान ना हो और पुलिस को फोरेंसिक एक्सपर्ट की बात सही ना लगे लेकिन फिर भी फोरेंसिक एक्सपर्ट का ओपिनियन इन्वेस्टिगेशन को सही दिशा देने और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को संभालने में बहुत ही कारगर साबित हो रही है।
एसपी अग्रवाल ने वेबीनार में उपस्थित फोरेंसिक साइंस की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए भी पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण देने से संबंधित विषय पर जोर देते हुए कहा कि आप अपने संस्थान से ट्रेनिंग हेतु पत्र जारी करवा के अकादमी भेज सकते है जिसमे हम उच्च अधिकारियों के साथ बात करके आपको ट्रेनिंग देने हेतु विचार करेंगे। कार्यक्रम में फोरेंसिक एक्सपर्ट दिपेन्द्र बारमते, जयंत बारीक, मनुराज टंडन, सुष्मिता जायसवाल, विनय सोनवानी, श्रद्धा नायक, अविनाश मिंज, उर्वशी मेंढे, गोपेश साहू , मधुरा कुर्वे, सौम्या द्विवेदी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में फोरेंसिक स्टूडेंट एसोसिएशन का भी सहयोग रहा।

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