रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने श्रीमती करुणा शुक्ला के आकस्मिक निधन को अपूरणीय क्षति बताया और गहरी संवेदना व्यक्त की है। प्रदेश भाजपाध्यक्ष...
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने श्रीमती करुणा शुक्ला के आकस्मिक निधन को अपूरणीय क्षति बताया और गहरी संवेदना व्यक्त की है।
प्रदेश भाजपाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ नेत्री श्रीमती करुणा शुक्ला के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। श्री साय ने कहा कि अपने नाम के अनुरूप ही वे करुणा की मूर्ति थी। राजनीति से अलग करुणा जी का स्नेह हम सबको प्राप्त था। उन्होंने कहा कि करुणा दीदी के रूप में हमने आज एक एक मुखर आवाज़, स्त्री शक्ति की एक प्रखर प्रतीक को खोया है। इस क्षति की भरपाई कठिन है। दीदी के आकस्मिक निधन से भाजपा शोकाकुल है।
भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने करुणा शुक्ला जी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाली, कुशल संगठनात्मक क्षमता की धनी, बेबाक और निडर नेत्री, मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश में अपनी अलग पहचान बनाने वाली कुशल नेत्री अब हमारे बीच नहीं रही, यह हम सभी के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी कमी हमेशा महसूस होती रहेगी, ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें व हम सभी को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि एक कुशल नेत्री, अद्भुत संगठनात्मक क्षमता की धनी विधायक, सांसद के रूप में जनता की सच्ची प्रतिनिधि करुणा जी हमेशा जनहित के लिए आवाज बुलंद करती रही। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी की भतीजी होने के बावजूद भी राजनीतिक सामाजिक और संगठन के क्षेत्र में अपनी नेतृत्व क्षमता अद्भुत राजनीतिक समझ व कुशलता के दम पर अपनी अलग छवि स्थापित करने वाली नेत्री का असमय निधन हम सभी के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करने का लंबा अनुभव उनकी यादों के रूप में हमेशा हमारे हृदय में जीवित रहेगा। उनके संगठनात्मक कौशल को हमने करीब से देखा है। भाजपा के राष्ट्रीय पदों को सुशोभित करते हुए कार्यकर्ताओं की चिंता, विधायक, सांसद के रूप में जनता की चिंता उत्कृष्ट विधायक चुना जाना उनकी कार्य कुशलता और समर्पण की भावना को दर्शाता रहा। उन्होंने कहा कि करुणा जी मुझे राखी बाँधती थी। वे ऐसी नेत्री रही जिन्होंने सहयोगी और विरोधी दोनों ही भूमिका में कुशलता के साथ मेरा मार्गदर्शन किया। मंडल से लेकर राष्ट्रीय दायित्व तक हर भूमिका में उन्होंने अपने सरोकार और सांगठनिक क्षमता का परिचय दिया। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें और परिजनों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति दें।
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