जगदलपुर । धर्मनिष्ठ श्रावक सिरेमल जी जैन ने स्वेच्छा से तीन आहारों के त्याग के साथ अपने अन्तिम मनोरथ संथारा प्रत्याख्यान को स्वीकार किया...
जगदलपुर । धर्मनिष्ठ श्रावक सिरेमल जी जैन ने स्वेच्छा से तीन आहारों के त्याग के साथ अपने अन्तिम मनोरथ संथारा प्रत्याख्यान को स्वीकार किया,ऐसे श्रावक जिनशासन के वीर कहलाते हैं।
21 अप्रैल को रात्रि 9.21 को लिए गए संथारा को आज 72 घंटे पूरे हुवे।लॉक डाउन और नियमों को ध्यान में रखते हुए केवल परिवार के ही सदस्यगण लगातार धर्म आराधना में जुटे हुवे हैं,वंही वीर श्रावक सिरेमल जी जैन शांत और सरल भाव से धर्म आराधना श्रवण कर रहे हैं, संथारा प्रत्याख्यान के बाद से चेहरे पर अलग ही तेज परिलक्षित हो रहा है।
संथारा के दूसरे ही दिन सभी शुभचिंतकों से घर पर ही सुरक्षित रहने का निवेदन जारी कर वर्तमान कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों को देखते हुवे कोविड19 एवं लॉकडाउन नियमों के पालन करने का आग्रह किया था ।
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