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अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर RTI और महिला सहभागिता विषय पर आयोजित हुआ 37 वां वेबिनार

  08 मार्च तक मप्र सूचना आयोग के रीवा मामलों में महिलाओं के आवेदन पर जीरो पेंडेंसी  शैलेश गांधी ने बताया कि कैसे तीव्र न्याय व्यवस्था में प्...

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 08 मार्च तक मप्र सूचना आयोग के रीवा मामलों में महिलाओं के आवेदन पर जीरो पेंडेंसी


 शैलेश गांधी ने बताया कि कैसे तीव्र न्याय व्यवस्था में प्रकरणों का किया निपटारा।



 रीवा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। दिनांक 7 मार्च 2021 को 37 वें जूम मीटिंग की अध्यक्षता राहुल सिंह ने किया जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेष गांधी, महिती गुजरात पहल की डायरेक्टर पंक्ति जोग, राजस्थान से पूर्व एसीपी सुनीता जैन, आरटीआई कार्यकर्ता आर के शर्मा, प्रीतम कुशवाहा सहित दर्जनों आरटीआई कार्यकर्ता सामाजिक क्षेत्र में रुचि रखने वाले व्यक्तियों ने सहभागिता निभाई।


      कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वयन का कार्य आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी, अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा, पत्रकार मृगेंद्र सिंह, अम्बुज पांडेय एवं छत्तीसगढ़ से आरटीआई कार्यकर्ता देवेंद्र अग्रवाल ने किया।



    08 मार्च अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस को ध्यान में रखकर मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने हर सप्ताह रविवार को होने वाली 37 वी ज़ूम मिटिंग में आरटीआई के क्षेत्र में महिला सहभागिता को बढ़ाने पर जोर दिया। 



   *अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आरटीआई कार्यकर्ता पंक्ति जोग का कार्य अनुकरणीय*


    जहां पंक्ति जोंग ने बताया कि किस तरह महिलाओं की सहभागिता की कमी के चलते  इस क्षेत्र में व्यापक कार्य नहीं हो पा रहा है, आज भी पढ़ी-लिखी एवं कामकाजी महिलाएं भी अपने अधिकारों से वाकिफ नहीं हैं, जिन अधिकारों के लिए उन्हें आगे आकर अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बनने कि जरुरत है। गुजरात से पंक्ति जोगनी बताया कि उन्होंने आरटीआई ऑन व्हील्स एवं आरटीआई हेल्पलाइन प्रारंभ कर सूचना के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इस व्यवस्था से गांव-गांव में जाकर हर वर्ग और समाज के व्यक्ति को आरटीआई के विषय में जागरूक किया जा रहा है और विशेष तौर पर महिला आवेदकों को प्रोत्साहित किया जाता है जिससे वह ज्यादा से ज्यादा आरटीआई लगाकर अपने अधिकारों के विषय में जान सकें। मूलभूत आवश्यकताएं राशन मिट्टी का तेल पेंशन आदि विषयों के बारे में आरटीआई लगाने और जानकारी प्राप्त करने के लिए ऐसी ग्रामीण महिलाओं को विधिवत जानकारी दी जाती है और उनकी मदद की जाती है। इस विषय पर शैलेश गांधी एवं राहुल सिंह ने कहा की पंक्ति जोग जैसी महिलाएं हमारे देश में बहुत महत्वपूर्ण और अग्रणी भूमिका निभा रही है जो हम सब के लिए गर्व की बात है और इससे हम सबको प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।


   *पूर्व एसीपी सुनीता जैन ने सुनाई आपबीती, बताया कैसे महिलाओं को हतोत्साहित कर रहा समाज*


     पूर्व एसीपी श्रीमती सुनीता जैन ने बताया कि एक महिला ही दूसरे महिला को आगे बढ़ने नहीं देती, चाहें मायके में मां हो या ससुराल में सास सबसे पहले किसी लड़की के पढ़ाई और फिर काम पर सवाल खड़े करने लगती हैं, जिस तरह आज भी कन्या भ्रूण को गर्भ में ही मारा जा रहा हैं, समाज में महिलाओं को आगे आनें पर सवाल खड़े करता हैं। सबसे पहले हमें महिलाओं का सम्मान करना सीखना होगा और घर की महिलाओं को आगे आने के लिए प्रेरित करना होगा। जिन सभी बातों को सुनिता जैन ने आप बीती को संदर्भ में रखकर बताया, उनके संघर्ष एवं जीवन में चुनौतियों के बावजूद मिली सफलता प्रेरणादायक है।


   झारखंड से उपस्थित आरटीआई कार्यकर्ता शुश्री आर.के.शर्मा ने झारखंड राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तो की नियुक्ति न होने से राज्य में आरटीआई कि दुर्दशा एवं बढ़ते अराजकता - भ्रष्टाचार को सामने रखा।


 *शैलेश गांधी ने बताया कि कैसे तीव्र न्याय व्यवस्था में प्रकरणों का किया निपटारा*


  पूर्व केन्द्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधीजी ने बताया कि वह अपने कार्यकाल में महिलाओं को बराबरी की नजर से देखा है और सुनवाई का अवसर दिया है, ताकि महिलाएं अपने को किसी पुरुष से कम न समझे। महिलाओं के विषय में प्राप्त होने वाले सभी प्रकरणों को शैलेश गांधी ने अपने कार्यकाल में अधिकतम 60 से लेकर 90 दिन के भीतर निराकृत किया है। वैसे भी शैलेश गांधी भारत के पहले ऐसे सूचना आयुक्त हैं जिन्होंने अपने साढ़े 4 वर्ष के कार्यकाल में 20 हज़ार से अधिक प्रकरणों का निपटारा किया है।


   *अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राहुल सिंह ने सूचना आयोग में किया जीरो पेंडेंसी*


  कार्यक्रम के अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयुक्त श्राहुल सिंह ने महिलाओं को आरटीआई का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया, जिसके लिए उन्होंने बताया कि रीवा संभाग क्षेत्र की महिलाओं के प्रकरणों को सूचना आयोग में तेजी से निपटाने के लिए बनायीं व्यवस्था में लगभग सभी मामलों पर सुनवाई चल रही हैं एवं प्रकरण निराकृत किया जा चुका हैं, ताकि महिलाएं तेजी से मिलने वाले न्याय के कारण अधिकाधिक आरटीआई का प्रयोग करें। मध्यप्रदेश ही नहीं अन्य आयोगों में एक भी महिला सूचना आयुक्त नियुक्त न होने पर भी दुख जताया। मध्यप्रदेश में नवाचार के तौर पर प्रारंभ किए गए मध्यप्रदेश में नवाचार के तौर पर प्रारंभ किए गए जी आर डी डेस्क के माध्यम से प्राप्त होने वाले प्रकरणों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च सभी प्रकरणों को निराकृत किए जाने अथवा शो कॉज नोटिस जारी किए जाने की बात बताते हुए मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बताया की इन सब व्यवस्था से महिलाओं की सहभागिता सूचना के अधिकार क्षेत्र में तेजी से बढ़ेगी। कार्यालयों में अमूमन सरकारी कर्मचारी और अधिकारी पुरुष आवेदकों के साथ कभी कभी दुर्व्यवहार भी कर देते हैं लेकिन यदि महिलाएं आरटीआई के क्षेत्र में आगे आती हैं और ज्यादा से ज्यादा आरटीआई लगाती है तो यह दुर्व्यवहार भी बन्द होगा।

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