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मुख स्वास्थ्य जांच कर छात्राओं को बांटे गए डेंटल किट

  -कार्यक्रम के जिला नोडल डॉ. अरुण चौरसिया ने दी कई जानकारियां कवर्धा। मुख संबंधी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए मुख स्वास्थ...

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-कार्यक्रम के जिला नोडल डॉ. अरुण चौरसिया ने दी कई जानकारियां


कवर्धा। मुख संबंधी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले में मुख स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। गर्ल्स कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्राओं को मुख स्वास्थ्य संबंधी तमाम पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें डेंटल किट बांटकर मुख संबंधी बीमारियों के लक्षण तथा इससे बचाव के उपाय बताए गए।

कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकरी डॉ. अरुण चौरसिया ने बताया, “मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार मंडल के मार्गदर्शन में जिले में मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है। मुख संबंधी स्वास्थ्य व्यक्ति के जीवन की अच्छी गुणवत्ता एवं समग्र स्वास्थ्य के लिए एक अपरिहार्य अंग है। मुख संबंधी अस्वस्थता नकारात्मक रूप से वृद्धि, विकास, शिक्षा, पोषण, सम्प्रेषण, आत्मविश्वास और अनेक सामान्य स्वास्थ्य स्थितियों को प्रभावित करती है। भारत में दंत-क्षरण और पेरिओडोंटिसिस दो सबसे अधिक व्यापक दंत रोग हैं”। उन्होंने कहा, अन्य रोगों की स्थिति जैसे मुख कैंसर और पूर्व-कैंसर की स्थिति को समझने के लिए जागरूकता जरूरी है। अब बैक्टीरियल एंडोकार्डीटिस, अथेरोस्क्लेरोसिस, क्रोनिक प्रतिरोधी फेफड़े की बीमारियों, डायबिटीज मेल्लीटस और असमय जन्म आदि के साथ भी मुख संबंधी रोग जुड़ने लगे हैं। इसके अतिरिक्त, दर्द व पीड़ा के रूप में लोगों के दैनिक जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों, क्षतिग्रस्त व खराब दांतों के कारण जीवन की गुणवत्ता के नुकसान पर भी विचार किया जाना चाहिए”। 

डॉ. अरुण चौरसिया ने बताया, “मुख कैंसर के सामान्य लक्षणों में लंबे‌ ‌समय‌ ‌तक‌ ‌मुंह‌ ‌में‌ ‌छाले‌ ‌रहना‌ (2 ‌या‌ 3 ‌सप्ताह‌ ‌से‌ ‌ज्यादा‌ ), ‌मसूड़ों‌ ‌और‌ ‌जुबान‌ ‌में‌ ‌सफेद‌ ‌या‌ ‌लाल‌ ‌चकत्ते‌ ‌या‌ ‌धब्बे‌ होना, मुंह‌ ‌का‌ ‌कम‌ ‌खुलना‌ ‌या‌ ‌फिर‌ ‌ना‌ ‌खुलना‌ (3 उंगली‌ ‌से‌ ‌कम‌ ‌का‌ ‌मुंह‌ ‌का‌ ‌खुलना),  ‌खाने‌ ‌में‌ ‌स्वाद‌ ‌का‌ ‌ना‌ ‌आना, आवाज‌ ‌में‌ ‌भारीपन‌ ‌महसूस‌ ‌होना, ‌मसूड़ों, ‌जबड़े‌ ‌की‌ ‌हड्डी‌ ‌और‌ ‌जीभ‌ ‌में‌ ‌सूजन‌, ‌गले‌ ‌में‌ ‌सूजन, ‌लंबी‌ ‌अवधि‌ ‌तक‌ ‌मुंह‌ ‌में‌ घाव‌ आदि हो सकते हैं।‌ इसमें‌ ‌से‌ ‌यदि कोई‌ ‌भी‌ ‌लक्षण‌ ‌हों‌ ‌तो‌ ‌तुरंत‌  ‌नजदीकी‌ ‌स्वास्थ्य‌ ‌केंद्र‌ ‌में‌ ‌जाकर‌ ‌जांच‌ ‌कराएं‌। ‌प्रारंभिक‌ ‌अवस्था‌ ‌में‌ समुचित‌ ‌उपचार ‌मिलने‌ ‌पर‌ ‌कैंसर‌ ‌जैसी‌ ‌बीमारियों‌ ‌से‌ ‌बचा‌ ‌जा‌ ‌सकता‌ ‌है‌”।

इस कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बी.एस. चौहान, सहायक प्राध्यापक डॉ. श्रीमती के तिग्गा, डॉ. वीरेंद्र कुमार, लवन सिंह  कंवर, जनभागीदारी सदस्य सोनू उपाध्याय, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, कौशल साहू,अंजली गोस्वामी, मौसमी कुलमित्र,निहारिका सिंह ठाकुर,प्रत्यूष श्रीवास्तव, यशोधरा मानिकपुरी, ओमप्रकाश शिन्द्राम, गौरव सोनी व अनुराग सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। ‌ 

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