महासमुन्द। बसना विकासखण्ड मुख्यालय के लम्बर कलस्टर में बिहान योजनांतर्गत 17 महिला स्व-सहायता समूह शामिल हैं। इनमें से ग्राम संतपाली में ब...
महासमुन्द। बसना विकासखण्ड मुख्यालय के लम्बर कलस्टर में बिहान योजनांतर्गत 17 महिला स्व-सहायता समूह शामिल हैं। इनमें से ग्राम संतपाली में बिहान योजना के तहत् महिला स्व-सहायता समूह द्वारा अपने आजीविका के लिए विभिन्न गतिविधियांे को अपनाकर सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में सक्षम होने का प्रयास कर रहीं हंै। मीरा महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा राय एवं सचिव श्रीमती प्रीति भोई ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व सघन विकासखण्ड के तहत् सीआरपी चक्र विकासखण्ड कुरूद के दीदीओं के मार्गदर्शन में समूह का गठन किया गया। जिसमें समूह के सदस्यों द्वारा प्रति सप्ताह के बुधवार को नियमित बैठक किया जाता है। जहां बिहान के पंचसूत्र का पालन किया जाता है। जिसके आधार पर चक्रिय निधि (आरएफ) राशि 15 हजार रूपए एवं सामुदायिक निवेश कोष (सीआईएफ) की राशि 60 हजार रूपए एवं बैंक लिकेंज की राशि एक लाख रूपए स्वीकृत किया गया।
समूह के सदस्यों ने बताया कि पूर्व में इस राशि का उपयोग केवल लेन-देन में ही किया जाता था। लेकिन सेवाक्षेत्र के सहायक विकास विस्तार अधिकारी आर.एस. चन्द्रवंशी, पीआरपी एवं बिहान योजना की टीम के मार्गदर्शन से मल्टीपरस आटा चक्की 16 हजार रूपए में खरीद कर श्रीमती प्रीति भोई के मकान में स्थापित किया गया है। आटा चक्की से चांवल, गेहंू, चना, मशाला, मिर्च, हल्दी आदि पिसाई का कार्य किया जाता है। जिसमें प्रति किलो पिसाई के लिए तीन रूपए से दस रूपए तक प्राप्त होता है। प्रतिदिन 20 से 25 किलो सूखा एवं गिला सामग्री की पिसाई हो जाती है। जिसमें प्रतिदिन उन्हें 250 से 300 रूपए तक की आय समूह को मिल जाता है। जिससे वे काफी खुश हैं। साथ ही गौठान में समूह के 06 सदस्यों द्वारा वर्मी खाद् निर्माण का भी कार्य किया जा रहा है। आज मीरा स्व सहायता समूह के सभी सदस्यों द्वारा संचालित आजीविका से बेहद खुश है और इनके द्वारा अन्य समूहों को भी आजीविका में जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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