नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलओसी) से हटने को तैयार हो गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुव...
नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलओसी) से हटने को तैयार हो गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पैंगॉन्ग के नॉर्थ और साउथ इलाके में डिसएंगेजमेंट का समझौता हो गया है। हालांकि, अभी भी कुछ इश्यूज बचे हैं। चीन के साथ बातचीत में हमने कुछ खोया नहीं है।Ó
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना ने सभी चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया है। कई इलाकों को चिह्नित किया गया है, जहां हमारी सेनाएं मौजूद हैं। लद्दाख की ऊंची चोटियों पर भी हमारी सेनाएं मौजूद हैं, इसलिए हमारा तेज बना हुआ है। जिन शहीदों के पराक्रम पर डिसएंगेजमेंट आधारित है, उन्हें यह देश याद रखेगा।रक्षा मंत्री के राज्यसभा में बयान देने के एक दिन पहले यानी बुधवार को चीन की सरकार ने दावा किया कि लद्दाख में एलओसी पर भारत के साथ नौ महीने से चल रहा टकराव खत्म हो गया है। चीन के मुताबिक, बुधवार को दोनों ओर से फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों की एक साथ वापसी शुरू हो गई। इससे पहले, चीनी मीडिया ने भी दावा किया था कि पैंगॉन्ग लेक के दक्षिणी और उत्तरी इलाके से भारत-चीन की सेना ने डिसइंगेजमेंट की प्रोसेस शुरू कर दी है।
चीन की मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के स्पोक्सपर्सन वू कियान ने बताया कि चीन और भारत के बीच हुई कमांडर लेवल की 9वें दौर की बातचीत में डिसइंगेजमेंट पर सहमति बनी थी। इसके तहत ही दोनों देशों ने अपने सैनिकों को पैंगॉन्ग हुनान और नॉर्थ कोस्ट से पीछे हटाना शुरू कर दिया है। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय का बयान आया। स्पोक्सपर्सन वांग वेनबिन ने कहा कि रूस में हुई बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्री इस मसले का हल निकालने पर राजी हुए थे।
भारत और चीन के बीच 24 जनवरी को 9वें राउंड की बातचीत 15 घंटे चली थी। इसमें भारत ने कहा था कि विवाद वाले इलाकों से सैनिक हटाने और तनाव कम करने की प्रोसेस को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब चीन पर है। इस दौरान दोनों पक्ष कोर कमांडरों की 10वें दौर की बातचीत जल्द करने पर भी सहमत हुए थे, ताकि सैनिकों की वापसी का काम तेज हो सके।
पिछले साल 20 जनवरी को सिक्किम के नाकु ला में दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी। हालांकि, तब दोनों सेना के कमांडर्स ने तय प्रोटोकॉल के तहत विवाद सुलझा लिया था। सूत्रों के मुताबिक चीन ने रु्रष्ट पर घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय जवानों ने रोका तो चीनी सैनिकों ने हाथापाई शुरू कर दी। भारतीय सेना ने इसका जवाब देते हुए चीन के सैनिकों को खदेड़ दिया। झड़प में चीन के 20 और भारत के चार जवान जख्मी हुए थे।
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