Dsn भारत मोबाइल इस्तेमाल करने वाले दुनिया के कुछ प्रमुख देशों में से एक है. भारत में लोग इंटरनेट का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. इसके ब...
Dsn भारत मोबाइल इस्तेमाल करने वाले दुनिया के कुछ प्रमुख देशों में से एक है. भारत में लोग इंटरनेट का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. इसके बाद भी अभी तक भारत में 5जी नेटवर्क की शुरूआत नहीं हो पाई है. दूसरी तरफ दुनिया के दो देश चीन और अमेरिका ने 6जी नेटवर्क पर काम करना शुरू कर दिया है.
अमेरिका और चीन के बीच 6जी नेटवर्क को शुरू करने के लिए होड़ मच गई है. दोनोंं ही देश समझते हैं कि निश्चित तौर पर जो देश सबसे पहले 6g नेटवर्क को विकसित करेगा और पेटेंट करने वाला पहला देश बनेगा, वह दुनिया के अधिकांश टेलीकॉम बाजार पर राज करेगा. बता दें कि 6g नेटवर्क आने पर 5g नेटवर्क की अधिकतम स्पीड से 100 गुना ज्यादा स्पीड होगा.
हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि दोनों देश कुछ ही समय में इसे शुरू कर लेंगे, बल्कि इसे वास्तविकता बनने में 8-10 साल या उससे ज्यादा का समय लग सकता है. जब डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका की सत्ता पर काबिज थे तो उनके सत्ता में रहते हुए चीनी टेक्नोलॉजी कंपनियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.
हालांकि, इसके बाद भी चीन 5g नेटवर्क के लीडर के रूप में उभरा था. चीन की घरेलू कंपनी Huawei ने अपनी आकर्षक कीमतों के चलते 5g मार्केट में अन्य प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ दिया था. इसलिए 6g के विकास और पेटेंट को अमेरिका सबसे पहले हासिल करना चाहता है और वायरलेस तकनीक की दुनिया में खोई अपनी जमीन वापस हासिल करने का मौका ढूंढ रहा है.
इसे लेकर अमेरिकी कंसलटेंसी फर्मFrost & Sullivan के इनफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन्स विभाग के सीनियर इंडस्ट्री डायरेक्टर विक्रांत गांधी (Vikrant Gandhi) कहते हैं कि 5g के विपरीत, अमेरिका 6g की लीडरशिप को इतनी आसानी से हाथ से फिसलने नहीं देगा. उन्होंने कहा कि 6g लीडरशिप के लिए प्रतिस्पर्धा 5g की तुलना में काफी जबरदस्त होने वाली है।
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